Sunday 17 May 2015

विलुप्‍त' सरस्‍वती नदी की खोज में एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है -


🚩🚩जय सरस्वती मैया🚩🚩

🚩🚩🚩🚩जय सनातन धर्म🚩🚩🚩🚩

🚩सनातन धर्म🚩 के 📚वेद 📗📘पुराणों को काल्पनिक कहने वालों के मूँह पर एक और जोरदार तमाचा जाने और कितने जूते खाऐंगे 🚩🌼सनातन धर्म 🌼🚩के 📚ग्रंथों को काल्पनिक बताने वाले लोग......


🌏यमुनानगर (हरियाणा) : 'विलुप्‍त' सरस्‍वती नदी की खोज में एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। 🌏यमुनानगर के आदिबद्री से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर पिछले महीने के आखिरी हफ्ते में 🚩सरस्तवी नदी 🚩की खोज को लेकर खुदाई शुरू हुई थी, जिसमें धरातल से महज सात-आठ फीट की खुदाई पर ही वहां जलधारा एकाएक फूट पड़ी जानकारों के अनुसार इसे 🚣सरस्वती नदी का जल माना जा रहा है। ये पानी 7 फीट की खुदाई पर मिला है।

आदिबद्री से पांच↔ किलोमीटर दूर मुगलवाली गांव में मनरेगा के तहत दर्जनों 🚜मजदूर काम कर रहे थे। करीब आठ फीट की गहराई तक खुदाई करने के बाद कुछ मजदूरों को अचानक जमीन से पानी की धारा निकलते दिखी। पहले थोड़ा पानी निकला, लेकिन जैसे ही ज्यादा खुदाई की तो पानी की मात्र बढ़ती चली गई। पानी निकलते ही मजदूर वहां जमा हो गए। देखते ही देखते चार जगहों पर 🚩🌸सरस्वती 🌸🚩का पानी निकलने लगा। कई मीडिया रिपोर्टों के हवाले से यह कहा गया है कि जमीन के नीचे बह रही 🌺सरस्‍वती नदी 🌺को धरातल पर लाने के लिए मनरेगा के तहत 15 दिन में तीन किलोमीटर खुदाई की जा चुकी है। इतनी कम गहराई पर नीली बजरी व चमकदार रेत, अन्य नदियों के समान ही पानी निकला। इसके बाद मजदूरों ने 8-10 खड्डे खोदे और 9-10 फुट पर सभी जगह पानी फुट पड़ा।

👉🌏धरती से 🚩सरस्वती🚩 का पानी निकलने की खबर पूरे जिले में 📣फैल गई और लोगों का जमावड़ा मुगलवाली में लग गया। जानकारी के अनुसार, डीसी डा. एसएस फूलिया और एसडीएम बिलासपुर भी मौके पर पहुंचे। मुगलवाली गांव में उपायुक्त ने कहा कि 🚩सरस्वती नदी🚩 का जिक्र 📚पुरानों में मिलता था और आज वह हकीकत के रूप में धरती पर अवतरित हो गई है। उन्होंने बताया कि 21 अप्रैल को सरकार ने मनरेगा परियोजना के तहत इस नदी की खुदाई शुरू की गई थी और अब 🚩सरस्वती नदी🚩 का अस्तिव उभरने लगा है।

👉आदिबद्री से पांच किलोमीटर दूर मुगलवाली गांव में 🚩सरस्वती🚩 की जलधारा फूटते ही 🎪🌷श्रद्धा🌷🎪 का सैलाब उमड़ पड़ा। बुधवार को यहां पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं ने विधिवत रूप से पवित्र धारा की पूजा की और 🌼🍀फल-फूल🍀🌼 चढ़ाए। बताया जा रहा है कि यह पवित्र जलधारा यमुनानगर से निकलकर छह अन्य जिलों से होकर बहेगी। नदी को अगला पड़ाव देने के लिए 20 सदस्यीय कमेटी का गठन किया जा रहा है, जिसमें 🚩सरस्वती🚩 शोध संस्थान के अध्यक्ष शामिल होंगे।


अगर आप सहमत है तो इस सचाई "शेयर " कर के उजागर करे।

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